रायगढ। देश की महारत्न कंपनी एनटीपीसी लारा में इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (आईडब्ल्यूएमएमएस) पोर्टल में धांधली चल रही है। पर्यावरण मंत्री के जिले में ही एनटीपीसी के ट्रांसपोर्टर्स द्वारा की जा रही इस धांधली में कंपनी ने कोई दंडात्मक कार्रवाई तो नहीं की लेकिन अब पर्यावरण विभाग ने एनटीपीसी लारा को जीपीएस सिस्टम का अनिवार्य रूप से पालन करने का अल्टीमेटम देते हुए 2.1 लाख का जुर्माना भी ठोक दिया है।
पावर प्लांटों से उत्सर्जित फ्लाई ऐश के निराकरण में गड़बड़ी को रोकने के लिए वित्त व पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर नई व्यवस्था लागू की गई है। सीईसीबी ने इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (आईडब्ल्यूएमएमएस) बनाया है। जिसमें सभी कंपनियों, फ्लाई ऐश परिवहनकर्ता, वाहनों, ड्राइवरों को पंजीयन कराने के अलावा सभी गाड़ियों में जीपीएस भी अनिवार्य किया गया है। इस व्यवस्था में पोर्टल के जरिए यह मॉनिटरिंग की जा रही है कि फ्लाई एश की डंपिंग निर्धारित अनुमति प्राप्त स्थान में ही हो लेकिन देश की महारत्न कंपनी एनटीपीसी लारा में इसका पालन नहीं हो रहा है। दरअसल एनटीपीसी लारा से निकलने वाली फ्लाई ऐश राजिम रोड या बाराद्वार के आस पास डंप की जानी है लेकिन ट्रांसपोर्टिंग की इस शर्त का उल्लंघन कर ट्रांसपोर्टर रायगढ के आस पास खेतों व एनएच से लेकर स्टेट हाईवे के किनारे डंप कर रहे हैं। जीपीएस सिस्टम को चकमा देने की लंबे समय से शिकायत मिलने के बाद पर्यावरण विभाग ने इसकी जांच की तो पता चला कि इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (आईडब्ल्यूएमएमएस) पोर्टल से एनटीपीसी लारा में फ्लाईऐश का परिवहन नहीं किया जा रहा था। जिस पर पर्यावरण विभाग ने कंपनी को अल्टीमेटम देते हुए इसे जल्द से जल्द पूरी तरह से लागू करने कहा है और 2.1 लाख का जुर्माना भी ठोक दिया है।
00 एनटीपीसी के अफसरों की भूमिका पर भी उठे सवाल
एनटीपीसी लारा में फ्लाईएश का टेंडर लेने वाली कंपनी के द्वारा अलग -अलग वेंडर्स को परिवहन का काम दिया गया है। परिवहन में संलग्न वाहनों में ब्लैकबग का जैमर लगाया गया है लेकिन कुछ वेंडर फ्लाईएश ट्रांसपोर्टिंग में जैमर की सेटिंग कर मालभाडे में बड़ा खेल कर रहे हैं। विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि जैमर की सेटिंग के नाम पर 15-17 हजार रुपये वाहन मालिकों से वसूल रहे है़ं। इसके एवज में मालभाडे में भी उतार -चढाव की गुंजाईश तलाशी जा रही है। खबर यहां तक है कि जैमर की सेटिंग के बाद फ्लाईएश लोड वाहन चालक के गाडी से जैमर निकालकर उसे दर्ज लोकेशन तक अन्य माध्यमों से पहुंचाया जाता है और फ्लाईएश आपस की तय की गई जगह पर डंप कर कम दूरी का ज्यादा भाडा चार्ज किया जा रहा है। उधर निर्धारित स्थल पर भी वाहन की जैमर लोकेशन , एन्ट्री पर्ची , अनलोड और अन्य कार्रवाई भी सेंटिंग के साथ आनलाईन रिकार्ड में दर्ज हो जाती है जबकि वाहन वहां तक पहुंचता भी नहीं। विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि इतनी बडी धांधली कंपनी के अफसरों की मिलीभगत के बिना मुमकिन नहीं है। कंपनी ने अब तक ऐसे दागी ट्रांसपोर्टर्स पर एफआईआर या कोई दंडात्मक कार्रवाई भी नहीं की है जबकि दबे मुंह अफसर भी स्वीकार कर रहे है कि जीपीएस सिस्टम में झोलझाल करने वाले करण अर्जुन (अमन )की जोड़ी ही है जिन्हें पर्यावरण के आला अफसर का आशीर्वाद प्राप्त है वरना अब तक तो कायदे से इस जोड़ी को एनटीपीसी के सीमा से ही निष्कासित कर दिया जाना चाहिए था।
अब जवाब देने से बच रहे अफसर
उद्योग नगरी और पर्यावरण मंत्री के जिले में ही फ्लाईऐश परिवहन में हो रही इस धांधली के बाद अब एनटीपीसी लारा के अफसर भी लीपापोती में लग गए हैं। आईडब्ल्यूएमएमएस का पालन नहीं किए जाने के संबंध में एनटीपीसी लारा के आपरेशन एंड मेंटनेंस हेड फैज तैयब से बात की तो उन्होंने दूसरे अफसर का नाम बताकर जानकारी लेने कह दिया लेकिन कंपनी के दूसरे अफसर ने फोन पर कोई जवाब नहीं दिया।