


रायगढ़। बिजारी और बरौद खदान में अपनी धाक रखने वाले बाहुबली ट्रांसपोर्टर का जामपाली खुली खदान में खौफ मौजूद है। यहां तो बाहुबली ने एक नया ही नियम बना दिया है और वह यह कि अगर किसी ट्रांसपोर्टर की गाड़ी को इंट्री गेट में प्रवेश चाहिये तो उसे 50 रूपये देने होंगे। जामपाली खदान में अवैध वसूली का यह काम धड़ल्ले से चल रहा है और कोई नहीं बल्कि खुद सीआईएसफ के जवान यहां वसूली करते नजर आ रहे हैं। खदान के अंदर सीआईएसएफ के जवान द्वारा गाड़ी चालकों से एंट्री गेट के लिए किये जा रहे अवैध वसूली का एक वीडियो भी तेजी के साथ वायरल हो रहा है।
बिजारी और बरौद के बाद एसईसीएल के जामपाली खुली खदान में भी बाहुबली ट्रांसपोर्टर का जलवा देखने को मिल रहा है। यहां तो पूरे जामपाली के एसईसीएल के स्टाफ में ही बाहुबली ट्रांसपोर्टर और उनके कर्मचारी का भय बना हुआ है। इस खदान में यदि बाहुबली ट्रांसपोर्टर का कोई डीओ नहीं रहता है तब भी उसकी मनमानी चलती है। डीओ नहीं रहने के एवज में बाहुबली ट्रांसपेर्टर का एक ही काम रहता है और वह है खदान के डिस्पैच को खराब करना। ताकि छोटे ट्रांसपोर्टरों को बाहुबली का सहारा लेने को मजबूर होना पड़े। बीते दो दिनों यानि 12 दिसंबर और 13 दिसंबर को बाहुबली ट्रांसपोर्टर के के इशारे पर ही उनके गुर्गों ने अपनी गाड़ी इंट्री गेट पर लगा दी और पूरी तरह से डिस्पैच को बंद करा दिया था। खदान के नोडल और बाकी के कर्मचारी के मनौव्वल के बाद रविवार 14 दिसंबर को पुनः डिस्पैच का काम शुरू हो सका मगर उसमें भी यह शर्त रखी गई है कि वे हर गाड़ी से 50 रुपए लेंगे जिसमें 20 रुपए बाहुबली का स्टाफ लेगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि अवैध वसूली का यह खेल किसी और की मौजूदगी में नहीं बल्कि सीआईएसएफ के जवानों के द्वारा की जा रही है। एंट्री गेट पर बकायदा सीआईएसएफ के जवान कतार लगातर गाड़ी चालकों से पैसों की वसूली करते हैं और तब कहीं जाकर उन्हें अंदर जाने की अनुमति मिलती है। अंदर खाने से तो यह बात भी निकलकर सामने आयी है कि सीआईएसएफ के इस वसूली में सब एरिया के नोडल का हिस्सा भी रहता है क्योंकि इस तरह खुले आम खदान के अंदर इतनी हिमाकत कोई कर भी नहीं सकता। जामपाली में चल रहे बाहुबली ट्रांसपोर्टर, सब एरिया मैनेजर और सीआईएसएफ जवानों के इस दंबगई और मनमाने कानून को देखने के बाद तो लोग यही सोचने लगे हैं कि अगर एंट्री के लिए 50 रूपये की वसूली हो रही है तो इसमें कोई दो मत नहीं कि यहां 10-12 हजार रूपये देकर पूरी की पूरी गाड़ी ही निकाल दी जाती होगी। बहुत हो चुका महाप्रबंधक साहब.. बहुत हो चुका… अब भी अपने खदानों की कोई सुध लीजिये और यहां की व्यवस्था को दुरूस्त कीजिये, वरना एक दिन ऐसा आयेगा कि इन खदानों को बाहुबली ट्रांसपोर्टर और आपके ही नुमाइंदे खोखला कर देंगे और उसका जवाब बाद में आपको देना पड़ जायेगा।